December 27, 2025 11:04 pm

बास्केटबॉल पोल गिरने से दो किशोर खिलाड़ियों की मौत वजह आई सामने किसने की साजिश haryana news

मंगलवार, 26 नवम्बर 2025 की सुबह करीब **10:00 बजे**, हरियाणा के **रोहतक जिले** के **Lakhan Majra गाँव** के सरकारी खेल मैदान में — 16-साल के राष्ट्रीय-स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी **Hardik Rathi** अभ्यास कर रहे थे। रिपोर्टों के अनुसार, वे एक सामान्य अभ्यास के दौरान बास्केटबॉल पोल पर “डंक” (dunk) या हूप तक पहुँचने की कोशिश कर रहे थे। उस समय, पोल — जो जंग लगी थी और जिसकी नींव ढीली थी — अचानक नीचे ढह गई और सीधे उनके सीने पर गिर गई।

घटना सीसीटीवी में कैद हुई — फुटेज में दिखा कि पोल झुकते ही खिलाड़ी नीचे गिर गए; मौजूद अन्य खिलाड़ी तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़े, पोल हटाई और उन्हें अस्पताल ले गए। लेकिन गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में ही उनकी मृत्यु हो गई।

इस घटना से ठीक दो दिन पहले , यानी रविवार या सोमवार (22–24 नवम्बर के आसपास), हरियाणा के Bahadurgarh (जिला झज्जर के पास) के **Hoshiar Singh Sports Stadium** में भी एक बास्केटबॉल पोल गिरने की घटना हुई थी। उसमें एक 15-साल के किशोर खिलाड़ी **Aman** (कक्षा 10 का छात्र) अभ्यास कर रहा था — पोल गिरा, वह घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

क्यों हुईं ये त्रासदियाँ — ज़रूरत से ज़्यादा लापरवाही

इन दो घटनाओं ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ “दुर्लभ हादसे” नहीं, बल्कि ढीली-ढाली देखभाल और लापरवाही का परिणाम था:

* पुलिस समेत मीडिया निरीक्षण में पाया गया कि रोहतक के कोर्ट में गिरने वाला पोल **गहरे जंग में था**, उसकी सतह पर रंग उतर चुका था और आधार भाग में धातु सड़ चुकी थी — यानी पोल की स्थिति बेहद ख़राब थी।

* स्थानीय खिलाड़ियों और कोचों ने पहले भी कई बार इस पोल और अन्य उपकरणों की मरम्मत का अनुरोध किया था, लेकिन अधिकारियों ने यह बात अनसुनी कर दी थी। “हमने कई बार कहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना” — एक कोच ने मीडिया से कहा।

* घटना के बाद राज्य के खेल विभाग ने माना कि ये मौतें “संयोग नहीं, बल्कि देखरेख और इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव” का नतीजा हैं।


मृत खिलाड़ी — कौन थे

Hardik Rathi — 16 साल, राष्ट्रीय-स्तर के खिलाड़ी। उन्होंने कई जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।
Aman — लगभग 15 साल, स्कूल का छात्र, बास्केटबॉल अभ्यास के दौरान हुआ हादसा।

दोनों ही युवक बास्केटबॉल के प्रति उत्साही थे, उनका सपना था आगे चले और खेल में नाम कमाएँ — पर खेल-इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी ने उस भविष्य को दूर कर दिया।

प्रशासन तथा खेल विभाग की प्रतिक्रिया 

घटना के तुरंत बाद, राज्य सरकार ने **Haryana Sports Department** की ओर से **रोहतक के जिला खेल अधिकारी (District Sports Officer)** को निलंबित कर दिया गया है। उस जिला के सारे बास्केटबॉल मामले स्थगित कर दिए गए। 

सरकार ने सभी जिलों के खेल स्टेडियम और खेल सुविधाओं की **तत्काल निरीक्षा (safety audit / inspection)** का आदेश दिया है। उन स्टेडियमों में जिन वस्तुओं / उपकरणों की हालत खराब है — उन्हें फौरन बदलने या सुधारने का निर्देश दिया गया है।

राज्य के अधिकारियों ने कहा है कि आगे ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी — लेकिन खिलाड़ियों, कोचों और खेल जगत के लोगों का कहना है कि **इस तरह की घोषणाएं पहले भी होती रही हैं, पर जमीन पर सुधार नहीं हुए

समाज, परिवार और खेल समुदाय की पीड़ा

Hardik के परिवार, सह-खिलाड़ी और स्थानीय खेल प्रेमी इस हादसे से गहराई से स्तब्ध और दुखी हैं। एक उज्जवल उम्मीद, एक राष्ट्रीय-स्तर का प्रतिभाशाली खिलाड़ी — एक पल में समाप्त।

खेल समुदाय में चिंता है कि यदि तुरंत सुधार नहीं हुआ, तो ऐसे हादसे आगे भी हो सकते हैं — बच्चों के माता-पिता अब खेल भेजने से डर रहे हैं।
कई पूर्व खिलाड़ियों और कोचों ने कहा है कि सिर्फ नए कोर्ट बनाए जाने से काम नहीं चलेगा; जो मौजूदा हैं, उन्हें सुरक्षित और सुचारु रखने के लिए नियमित रखरखाव, देखभाल और निगरानी की ज़रूरत है।

 

— यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रणालीगत विफलता

इन दो घटनाओं ने स्पष्ट किया है कि:

* खेल विभागों द्वारा दी गयी सुविधाएं अगर समय-समय पर निरीक्षित न हों,
* उपकरणों की हालत खस्ता हो जाए और
* खिलाड़ियों की शिकायतों पर कदम न उठाए जाएँ —

तो परिणाम सिर्फ हादसा ही नहीं, **कहीं खोए हुए सपने, टूटे हुए परिवार और व्यर्थ जीवन** भी हो सकता है।

प्रदेश भर में अब मांग उठ रही है — कि हर खेल परिसर में नियमित सुरक्षा ऑडिट हो, ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सुधार हो, बजट का हिसाब पारदर्शी हो, ताकि भविष्य में किसी अन्य को यह कीमत न चुकानी पड़े।

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