महम सार्वजनिक सर्वे में 60% लोग चाहते हैं राधा अहलावत निर्दलीय चुनाव लड़े ।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा महम विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के मेहनती नेता शमशेर सिंह खरकड़ा की पत्नी राधा अहलावत की जगह दीपक हुड्डा को अपना प्रत्याशी के खिलाफ गुस्से को देखते हुए hr न्यूज़ द्वारा महम क्षेत्र में सर्वे किया अब 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेत्री राधा अहलावत को हल्के से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं इसी पर सार्वजनिक रूप से किए गए hr न्यूज़ के सर्वे में क्षेत्र के मतदाताओं की अलग अलग सामने आई ।
जिसमें 60 प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि शमशेर खरकड़ा द्वारा अब राधा अहलावत को चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए वही 40% लोगों ने इसके विपरीत राय दी इस बार शमशेर खरकड़ा को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और भाजपा में रहकर ही अपने हिसाब से प्रत्याशी का सहयोग करना चाहिए । इसके अलावा hr न्यूज़ द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए राधा अहलावत के निर्दलीय चुनाव लड़ने के सर्वे में 70% यूजर्स चाहते हैं की राधा अहलावत निर्दलीय चुनाव लड़ी वही । 30% यूजर चाहते हैं कि राधा अहलावत को इस बार महल से निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ना चाहिए । इसके अलावा सर्वे में महल कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में एक खास बात निकलकर सामने आई है की टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में उसके समर्थकों के साथ-साथ विरोधी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी राधा अहलावत के प्रति सहानुभूति दिखाई दी है ।
लोगों का कहना है कि पिछले लंबे समय से शमशेर सिंह खरकड़ा वह उसके बाद राधा अहलावत की भाजपा के लिए तन मन धन से हर समय पार्टी व कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी थी । लेकिन अब टिकट वितरण में उनकी अनदेखी करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है सर्वे में आमजन की सोच यही रही कि शीर्ष नेतृत्व को धरातल की जानकारी जुटाना के बाद ही हल्के से प्रत्याशी उतारने का फैसला करना चाहिए था । महम क्षेत्र से राधा अहलावत की टिकट काटने पर समर्थकों के गुस्से को देखते हुए भाजपा नेता शमशेर सिंह खरकड़ा द्वारा आज खरकड़ा गांव में महल विधानसभा क्षेत्र से जुड़े उनके समर्थकों को सहित गणमान्य लोगों की पंचायत बुलाई गई है । पंचायत में राधा अहलावत की जगह दीपक हुड्डा को प्रत्याशी घोषित करने के बाद इस हालत में क्या फैसला लेना चाहिए । इस पर समर्थकों से विचार विमर्श करने के उपरांत आगामी रणनीति तैयार की जाएगी पर हल्के के आम लोगों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की नजर टिकी हुई है ।