महम विधानसभा क्षेत्र से व्यक्तिगत जनाधार रखने वाले चुनावी भावी उम्मीदवार अजीब दुविधा में फंसे हुए हैं। साथ में महम क्षेत्र का मतदाता किसके साथ है,ओर किसके विरुद्ध वो खुद असमंजस में है ।
भाजपा से टिकट कटने के बाद शमशेर सिंह खरकड़ा की पत्नी राधा अहलावत पंचायती फैसले के फेर में फंसीं हुईं दिखाई दे रही हैं। वे बार बार होने वाली पंचायत से इसी दुविधा में हैं कि कल की पंचायत में क्या फैसला होगा। राधा अहलावत को पंचायती चक्रव्यूह के फेर से राहत मिले तो वे भी अपना चुनाव प्रचार की रुपरेखा तैयार कर आगे बढ सके। साथ ही महम क्षेत्र में शमशेर खरकड़ा के साथ लंबे समय से जुड़े समर्थकों को भी आज व कल होने वाली पंचायतों से कोई रास्ता नहीं मिल रहा है कि वे अपनी नेता के लिए प्रचार शुरू करे या दुसरी गाड़ी की सवारी कर चुनावी मंजिल तक पहुंचे।
महम विधानसभा क्षेत्र से कोंग्रेस टिकेट के दावेदार
कांग्रेस पार्टी द्वारा भी क्षेत्र में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने से कांग्रेसी दावेदार भी क्षेत्र के गांव गांव जाकर हिसाब मांग मांग थक चुके हैं ओर अब वार्डो में आ खड़े हुए हैं। शमशेर खरकड़ा की पत्नी राधा अहलावत कि टिकट कटने के बाद से कांग्रेस के दावेदारों में भी भय बना हुआ है। इसलिए जब-तक कांग्रेस टिकट की घोषणा नहीं करेगी तब तक उनके अंदर का भय नहीं निकलेगा। तब तक उनका चुनाव प्रचार भी ज़ोर नहीं पकड़ रहा।
महम से अपनी टिकट खुद ही फाइनल कर चुनाव मैदान में कुद चुके निर्दलीय विधायक बलराज सिंह कुन्डू अकेले ही अपने समर्थकों के साथ गांव गांव में घुम तो रहे हैं लेकिन असलियत में मतदाता का रुझान क्या है यह शायद उनको भी पता नहीं है। अब-तक तो ऐसा ही लग रहा है कि महम के भावी नेता अपनी तखडी और अपने केले साथ लेकर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं । क्षेत्र में नेताओं के फाइनल प्रतिद्वंद्वी नहीं होने के कारण मतदाताओं की भी समझ में आ रहा कि वे इस समय किसके साथ है। ओर किसके विरुद्ध है।
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